Arvaz Ahmad

Add To collaction

लेखनी कहानी -12-Jun-2022 prtiyogita

खाक में वो भी मिल गया होगा 

शाक से फूल जो गिरा होगा 

मेरा दिल कितना ग़मज़दा होगा 
जब कभी मुझसे वो जुदा होगा 

शब की वहशत है सुर्ख आँखें हैं 
हिजर्  में  उनके और क्या होगा 

उसकी अब क्यूँ तलाश करता है 
वो परिंदा था उड़ गया होगा 

नेकियाँ कम गुनाह ज़्यादा हैं 
कब्र  में मेरा हाल क्या होगा  

शाक़ तन्हाईयों में  तड़पेगी 
टूट कर फूल गर जुदा होगा 

ज़िन्दगी  सबकी बेबफा होगी 
मौत से सबका राब्ता होगा

फूल खिलते हैं  तेरी यादों के 
दिल के आँगन में  और क्या होगा

आग दरिया में लग गई  होगी 
उसने पानी को जब छुआ होगा

उससे हम लेंगे एक सबक आरिब 
देखना जब वो बेबफा होगा

   21
18 Comments

नंदिता राय

14-Jun-2022 06:37 PM

बेहतरीन

Reply

Arvaz Ahmad

14-Jun-2022 08:23 PM

Shukriya

Reply

Shnaya

14-Jun-2022 02:25 PM

शानदार

Reply

Arvaz Ahmad

14-Jun-2022 05:39 PM

Shukriya

Reply

Reyaan

13-Jun-2022 11:50 AM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻

Reply

Arvaz Ahmad

13-Jun-2022 09:46 PM

Shukriya

Reply